By controlling your breath you can control your body and your mind. Pranayam is a remedy to overcome anxiety, depression, self-guilt, sadness and unknown fear. The Pranayam is the only technique available to approach and then control your mind without adopting any invasive methods.
बात सिर्फ मूर्ति जैसा होकर बैठने की नहीं है। आगे की है। सुखपर्वक स्थिर होने की है। सुख जब शरीर बेचैन ना हो, सुख जब दूसरों के धन के सपने ना आएँ, सुख जब चित्त शाँत हो जाए। उन्होंने सुख का अर्थ सोना भी नहीं लिया वरना तो सोने से बेहतर कोई और स्थिति ना होती जब आप स्थिर भी होते और सुखी भी होते। परन्तु योग सोने का ठिकाना नहीं है जागने का उपाय है।
पुराने ऋषि शरीर को गिरा देने के लिए गुफाओं और जंगलों में चले जाते थे। भूख प्यास की चरम स्थितियों के बाद शरीर गिर जाता था। चेतना के ऊपर पड़ा परदा झीना हो जाता था। यह चेतना को जगाने का उपाय था। आज भी कई सम्प्रदायों के लोग मृत्यु से पूर्व अन्न और जल को त्याग कर शरीर की बाहरी ऊर्जा को गिरा देते हैं। वे अपनी चेतना को उच्चतम विकास तक ले जाने का उपाय करते हैं। जो बिल्कुल भौतिक आधार पर जीते हैं उनके लिए इसे समझना काफी मुश्किल है। इसीलिए योग आसन में उतरने से पहले यम और नियम के द्वारा साधक को पर्याप्त होमवर्क करवा देता है।
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